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सिंहाली भाषा

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सिंहाली भाषा (सिंहाली)
සිංහල सिंहाली
बाजल जाइवाला  स्थान:श्रीलङ्का
आरम्भ:२००७
मातृभाषी:१६ मिलियन
भाषा परिवार:
शाखा भाषा:
वेद्द (शायद एक क्रेओल)
लिपिसिंहाला वर्णमाला
सिंहाली ब्रेल (भारती ब्रेल)
आधिकारिक अवस्था
आधिकारिक भाषा
श्रीलङ्का
भाषा कोड:
आइएसओ ६३९-१si
आइएसओ ६३९-२sin
आइएसओ ६३९-३sin
भाषावेधशाला59-ABB-a
Indic script
Indic script
इ पन्नामे हिन्दीक संग संगे अन्य भारतीय लिपिसभ अछि। पर्याप्त सफ्टवेयर समर्थनक अभावमे अहाँ अनियमित स्थितिमे स्वर वा मात्रासभ तथा संयोजक देख सकैत छी। आओरो...


सिंहाली भाषा श्रीलङ्का मे बाजल जाए वाला सभसँ बड भाषा छी।[] [] सिंहाली के बाद श्रीलङ्कामे सभसँ अधिक बाजल जाए वाला भाषा तमिल छी। प्राय: एहन नै होएत अछि जे कि कोनो देशक जे नाम छी, ओही देशमे बसोबास करै वाला जातिक सेहो होए आ ओही नाम ओ जातिद्वारा व्यवहृत होए वाला भाषाक सेहो होए। सिंहाली द्वीप के ई विशेषता अछि जे ओतय बसोबास करै वाला जाति सेहो "सिंहाली" कहलावैत चलि आएल अछि आ ओ जातिद्वारा व्यवहृत होए वाला भाषा सेहो "सिंहाली"।

अनेक भारतीय भाषासभक लिपिसभ जेहन सिंहाली भाषा के लिपि सेहो ब्राह्मी लिपि के ही परिवर्तित विकसित रूप छी आ जाहि प्रकार उर्दू के वर्णमाला के अतिरिक्त देवनागरी सभ भारतीय भाषासभाक वर्णमाला छी, ओही प्रकार देवनागरी ही सिंहाली भाषा के सेहो वर्णमाला छी।

सिंहाली भाषा के दुईटा रूप मान्य अछि - (१) शुद्ध सिंहाली तथा (२) मिश्रित सिंहाली

शुद्ध सिंहाली के केवल बत्तीस अक्षर मान्य रहल अछि-

अ, आ, ए, ऐ, इ, ई, उ, ऊ, ऒ, ओ, ऎ, ए क, ग ज ट ड ण त द न प ब म य र ल व स ह क्ष अं।

सिंहाली के प्राचीनतम व्याकरण ग्रन्थ सिदत्सम्गरा (Sidatsan̆garā (१३०० इस्वी सम्वत्)) के मत अछि जे ए तथा ऐ -- अ, तथा आ की ही मात्रा वृद्धि वाला मात्रासभ छी।

वर्तमान मिश्रित सिंहाली अपन वर्णमाला के न केवल पाली वर्णमाला के अक्षरसभसँ समृद्ध करि लेनए अछि, बल्कि संस्कृत वर्णमाला मे सेहो जे आ जतेक अक्षर अधिक छल, ओ सभ के सेहो अपनौने अछि। ई प्रकार वर्तमान मिश्रित सिंहालीमे अक्षरसभक सङ्ख्या चौवन (५४) अछि। अठार अक्षर "स्वर" तथा शेष छत्तीस अक्षर व्यञ्जन मानल जाइत अछि।

व्याकरण

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दुईटा अक्षर (पूर्व अक्षर तथा पर अक्षर) जखन मिलि के एकरूप होएत अछि, तँ ई प्रक्रिया "सन्धि" कहलावैत अछि। शुद्ध सिंहालीमे सन्धिसभक केवल दस प्रकार मानल गेल अछि। मुद्दा आधुनिक सिंहालीमे संस्कृत शब्दसभक सन्धि अथवा सन्धिच्छेद संस्कृत व्याकरणसभक नियमसभक ही अनुसार कएल जाइत अछि।

"एकाक्षर" अथवा "अनेकाक्षरसभ" के समूह पदसभ के सेहो संस्कृत के जहिना चारिटा भागसभमे विभक्त कएल जाइत अछि - नामय, आख्यात, उपसर्ग तथा निपात।

सिंहालीमे हिन्दी के जेना दुईटा वचन होइत अछि - "एकवचन" तथा "बहुवचन"। संस्कृत के जहिना एक अतिरिक्त "द्विवचन" नै होइत। ई "एकवचन" तथा "बहुवचन" के भेद के सङ्ख्या भेद कहैत अछि।

जे प्रकार "वचन" के लके "हिन्दी" आ "सिंहाली" के साम्य अछि ओही प्रकार कहि सकैत छी जे "लिङ्ग" के विषयमे सेहो हिन्दी आ शुद्ध सिंहाली समानधर्मा अछि। पुरुष तीन ही अछि - प्रथम पुरुष, मध्यम पुरुष तथा उत्तम पुरुष। तीनु पुरुषसभमे व्यवहृत होए वाला सर्वनामसभक आठ कारक अछि, जेकर अपन-अपन विभक्तिसभ अछि। "कर्म" के बाद प्राय: "करण" कारक के गिनती होइत अछि, मुद्दा सिंहाली के आठ कारकसभमे "कर्म" तथा "करण" के बीचमे "कर्तृ" कारक के गिनती कएल जाइत अछि। "सम्बोधन" कारक नै होए सँ "कर्तृ" कारक के बावजूद कारकसभक गिनती आठ ही रहैत अछि।

वाक्यक मुख्यांश "क्रिया" के ही मनैत अछि, किया कि क्रिया के अभावमे कोनो भी कथन बनैत ही नै अछि। ई सिंहाली व्याकरण अधिकांश बातसभमे संस्कृत के अनुकृति मात्र अछि। तँ सेहो ओहीमे न त संस्कृत के जेना "परस्मैपद" तथा "आत्मनेपद" होइत अछि आ न त लट्-लोट् आदि दस लकार। सिंहालीमे क्रियासभक ई आठ प्रकार मानल गेल अछि-

(१) कर्ता कारक क्रिया (२) कर्म कारक क्रिया, (३) प्रयोज्य क्रिया, (४) विधि क्रिया,
(५) आशीर्वाद क्रिया, (६) असम्भाव्य, (७) पूर्व क्रिया, तथा (८) मिश्र क्रिया।

सिंहाली भाषा बोल-चाल के समय भोजपुरी आदि बोलीसभ के जेना प्रत्ययसभक दृष्टिसँ बहुत ही आसान अछि, मुद्दा लिखए-पढिमे ओतेक ही दुरूह। बोल-चालमे यनवा (वा गमने) क्रियापदसँ ही जाइत अछि, जाइत अछि, जाइत अछि, जा रहल छी, (ओ) जाइय अछि, जाइते अछि इत्यादि ही नै, जाएत्, जाएत् आदि सभ क्रियास्वरूपसभक काम बनि जाइत अछि।

लिङ्गभेद हिन्दी के विद्यार्थीसभक लेल टेढा खीर मानल जाइत अछि। सिंहाली भाषा ई दृष्टिसँ बड सरल अछि। ओतय "बढियाँ" शब्द के समानार्थी "होन्द" शब्द के प्रयोग "लडका" तथा "लडकी" दुनु के लेल करि सकैत छी।

प्रत्येक भाषा के मुहावरा ओकर अपन होइत अछि। दोसर भाषासभमे ओकर ठीक-ठीक पर्याय खोजनाए बेकार अछि। तँ सेहो अनुभव साम्य के कारण दुईटा भिन्न जातिसभद्वारा बाजल जाए वाला दुईटा भिन्न भाषासभमे एक जेना ही मिलैत-जुलैत कहावतसभ उपलब्ध भऽ जाइत अछि। सिंहाली तथा हिन्दी के किछ मुहावरा तथा कहावतसभमे पर्याप्त एकरूपता अछि।

सिंहाली-भाषा एवम् साहित्यक इतिहास

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उत्तर भारत के एक से अधिक भाषासभसँ मिलैत-जुलैत सिंहाली भाषा के विकास ओ शिलालेखसभ के भाषासँ भेल अछि जे ई. पू. दोसर-तेसर शताब्दी के बादसँ लगातार उपलब्ध अछि।

भगवान बुद्ध के परिनिर्वाण के दुई सय वर्षक बाद अशोकपुत्र महेन्द्र सिंहा���ी द्वीप पहुँचल, तँ "महावंश" के अनुसार ओ सिंहाली द्वीप के लोगसभ के द्वीप भाषामे ही उपदेश देनए छल। महामति महेन्द्र अपन साथ "बुद्धवचन" के जे परम्परा लौने छल, ओ मौखिक ही छल। ओ परम्परा वा तँ बुद्ध के समय के "मागधी" रहल होएत्, वा ओकर दुई सय वर्ष बाद के कोनो एहन "प्राकृत" जेकरा महेन्द्र स्थविर स्वयम् बाजैत रहाल होएत्। सिंहाली इतिहास के मान्यता अछि जे महेन्द्र स्थविर अपन साथ न केवल त्रिपिटक के परम्परा लौने छल, बल्कि हुनकर साथ हुनकर भाष्यसभ अथवा ओकर अट्ठकथासभक परम्परा सेहो। ओ अट्ठकथासभक बादमे सिंहाली अनुवाद भेल। वर्तमान पालि अट्ठकथासभ मूल पालि अट्ठकथासभक सिंहाली अनुवादसभक पुन: पालिमे कएल गेल अनुवाद छी।

किछ प्रमुख सिंहाली शब्द आ ओकर अर्थ

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गिया --- गेल
यायी --- जाएत्
अवे --- आया

मम --- हम
ओहु --- ओ
अय --- ओ
ओय --- तु
--- ई
ओयाघे --- तोहर

स्तुति --- धन्यवाद
सुदु --- श्वेत
सीनि --- चीनी
हिना वेनवा --- हसनाए
हितनवा --- सोचनाए
सीय --- सय
सिंहय --- शेर
सेप --- स्वास्थ्य
सेकय --- सन्देह
सम --- समान
सपत्तुव --- जूता
सत्यय --- सत्य
सतिय --- सप्ताह
मून्न --- चेहरा
मिहिरि --- मीठ
मिनिसा --- मनुष्य
मिट्टि --- छोट
मामा --- मामा
माल्लुवा --- माछ
मासय --- मास
मन --- मन
हिम --- बर्फ
सिहिनय --- सपना
सुलंग --- हावा
मल --- गन्दगी
मरनवा --- मारनाए
मरन्नय --- मृत्यु
अवुरुद्द --- वर्ष
सामय --- शान्ति
रूपय --- सुन्दरता
रोगय --- रोग
रोहल --- अस्पताल
रुवन --- रत्न
रिदी --- चाँदी
रेय --- रात
रहस --- रहस्य
रस्ने --- गरम
रस्नय --- गर्मी
रतु --- लाल
रजय --- सरकार
रज --- राजा

रिदेनवा --- चोट पहुँचानाए
रॅय --- रात्री
रहस --- रहस्य
रसने --- गरम
रसनय --- गरमी
रतु --- लाल
रजय --- सरकार
रज --- राजा
रट --- विदेश रट --- देश
ओबनवा --- प्रेस
ओककोम --- सभ
एळिय --- प्रकाश
एया --- ओ
एनवा --- आनाए
ऋतुव --- ऋतु
ऋण --- ऋण
उयनवा --- खाना बनेनाए

ईये --- काइल
ईलन्गट --- बाद मे
ईय --- तीर
ॲनुम अरिनवा --- जम्हाई लेनाए
ॲत --- दूर
इरनवा --- देखनाए
ऍस कण्णडिय --- चश्मा
ऍन्गिलल --- अङ्गुलू
सेनसुरादा --- शनिवार
सिकुरादा --- शुक्रवार
ब्रहसपतिनदा --- बृहस्पतिबार
ब्रदादा --- बुधवार
अन्गहरुवादा --- मङ्गलवार
सन्दुदा --- सोमवार
इरिदा --- रविवार
देसॅमबरय --- दिसम्बर
नोवॅमबरय --- नवम्बर
ओकतोबरय --- अक्टूबर
सॅपतॅमबरय --- सितम्बर
अगोसतुव --- अगस्त
जूलि --- जुलाई
जूनि --- जून
मॅयि --- मई
अप्रियेल --- अप्रैल
मारतुव --- मार्च
पेबरवारिय --- फरवरी
जनवारिय --- जनवरी
चूटि --- छोट
गहनवा --- पीटनाए
गल --- पत्थर
गननवा --- लेनाए
गन्ग --- नदी
क्रीडव --- खेल
कोपि --- अधिक
केटि --- छोट

कुससिय --- भान्साघर
कुलिय --- तलब
कुरुलला --- पक्षी
किकिळी --- मुर्गी
कट --- मुँह
कतुर --- कैंची
आता --- दादा
आच्ची --- दादी
सिंहाली --- सिंहाली
गम --- गाम
मिनिहा --- आदमी
मिनिससु --- मनुष्य
हरिय --- क्षेत्र
कोयि --- के
पलात --- प्रान्त
दकुण्उ --- दक्षिण
उपन गम --- जन्मस्थान
नमुत --- मुद्दा
पदिंcइय --- निवासी
कोहे --- कतय
ने --- एहन अछि वा नै?
आयुबोवन --- नमस्कार
नम --- नाम
सुब उपनदिनयक --- शुभ जन्मदिन
दननवा --- जानना
मतकय --- स्मृति
मतक वेनवा --- याद केनाए

कोलल --- बालक
केलल --- स्त्री
लोकु --- लम्बा
लससण --- सुन्दर
दत --- दाँत
दत --- दाँत
दिव --- जीभ

गसनवा --- पीटनाए
गॅयुव --- गौने
गयनवा --- गाना
हदवत --- हृदय
कपनवा --- काटना
कॅपुव --- काटा
कोन्द --- बाल
पोड्इ --- तुच्छ
रिदेनव --- दुखाई
ककुल --- पैर
ऍस --- आँखि
कन --- कान
ऍन्ग --- शरीर
कोनन्द --- पीठ
बलला --- कुत्ता
गिया --- जानाए (परफेक्ट)

इससर --- पहले
नपुरु --- निर्दयी
पोहोसती --- धनी स्त्री
पोहोसता --- धनी पुरुष
पोहोसत --- धनी
तर --- मजबूत
तद --- कठिन
नव --- आधुनिक
ऍयि --- किया
कवद --- के
अद --- आई
मगे --- खान
ऊरो --- सूगर
ऊरु मस --- सूगर के मासु
ऊरा --- सूगर
उण --- ज्वर
गेवल --- घर
गेय --- घर
वॅड करनवा --- काम केनाए
वॅड --- कार्य
देवल --- वस्तुसभ
देय --- वस्तु
देननु --- गाईसभ
देन --- गाय
अशवयो --- घोडासभ
अशवय --- घोडा
कपुटो --- कौवा
कपुट --- कौवा
दिविया --- चीता
बोहोम सतुतियि --- बहुत-बहुत धन्यवाद
करुणाकर --- कृपया
ओवु --- हँ
एकदाह --- हजार
एकसीय --- सय
दहय --- दस
नवय --- नौ
अट --- आठ
हत --- सात
हय --- छ
पह --- पाँच
हतर --- चारि
तुन --- तीन
देक --- दुई
इर --- सूर्य
वन्दुरा --- बन्दर
नॅवत हमुवेमु --- अलविदा
सललि --- धन
वॅसस --- वर्षा
वहिनवा --- वर्षा होनाए

पिहिय --- चाकू
हॅनद --- चम्मच
लियुम --- पत्र
कनतोरुव --- कार्यालय
तॅPआआEल --- डाकघर
यवननवा --- भेजनाए
पनसल --- मन्दिर
आदरय --- प्यार
गोविपळअ --- खेत
मेसय (न.) --- मेज
मेहे --- एतय
काल --- चौथाई
कालय --- समय
कल --- समय
कोच्चर --- कतेक देर

ओया --- तु
इननवा --- होनाए
होन्द --- बढियाँ
इसतुति --- धन्यवाद
सनीप --- स्वास्थ्य
सॅप --- स्वास्थ्य
नगरय --- शहर
अपिरिसिदु --- गन्दा
पिरिसिदु वेनवा --- साफ होनाए
पिरिसिदु करनवा --- साफ
पिरिसिदु --- साफ करनाए
यट --- नीचा
कलिन --- पहिने
नरक --- खराब
ळदरुवा --- बच्चा
नॅनद --- चाची
सतुन --- जानवर
सह --- आ
पिळितुर --- उत्तर
अतर --- के बीच मे
तनिव --- अकेला
अवसर दिम --- अनुमति देनाए
सियलल --- सभ
वातय --- हावा
एकन्गयि --- सहमत भेल
कलहख़कर --- आक्रामक
वयस --- आयु
विरुदडव --- विरुद्ध
नॅवत --- पुन:
पसुव --- बाद मे
अहसयानय --- वायुयान
वॅड्इहिति --- वयस्क
लिपिनय --- पता
हरहा --- आर-पार
अनतुर --- दुर्घटना

पिळिगननवा --- स्वीकार करनाए
पिटरट --- बाहर
उड --- उपर
करनवा --- काम करनाए
ओळूव --- सिर
मललि --- छोट भाई
नंगि --- छोट बहिन
अकका --- बड बहिन
अयया --- बड भाई
मेसय --- मेज
बत --- उबलल चामल
हरि --- ठीक अछि
हरि --- बहुत
नॅहॅ --- नै
मोककद --- कि
अममा --- माँ
दुवनव --- दौडनाए
गेदर --- घर
लोकु मीय��� --- मूस
मीया --- चूहा
उड --- के उपर
इरिदा --- रविवार
एक --- ई
एक --- एक
एपा --- नै
दोर --- प्रवेशद्वार
वहनवा --- बन्द करनाए
पोत --- पुस्तक
इकमन --- तेज
कनवा --- खाना
अत --- भुजा
मल --- फूल
वतुर --- पानी
ले --- रक्त
किरि --- दूध
अपि --- हम सभ
मम --- हम
यनवा --- जानाए

मोकक्द --- कि
कीयद --- कतेक
कोहेन्द --- कतय


सन्दर्भ सामग्रीसभ

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  1. "Census of Population and Housing 2011" सङ्ग्रहित २०१७-०४-२८ वेब्याक मेसिन. www.statistics.gov.lk. Retrieved 2017-04-06.
  2. "Sinhala". Ethnologue. Retrieved 2017-04-06

बाह्य जडीसभ

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एहो सभ देखी

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