रघु
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]रघु ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. सूर्यवंशी राजा दिलीप के पुत्र का नाम जो उनकी पत्नी सुदक्षिणा के गर्भ से उत्पन्न हुए थे । विशेष—ये अयोध्या के बहुत प्रतापी राजा और श्री रामचंद्र के परदादा थे । जब ये छोटे थे, तभी इनके पिता ने अश्वमेध यज्ञ किया था और यज्ञ के घोड़े की रक्षा का भार इन्हें सौंपा था । जब उस घोड़े को इंद्र ने पकड़ा, तब इन्होनें इंद्र को युद्ध में पराजित करके वह घोड़ा छुड़ाया था । सिंहासन पर बैठने के उपरांत इन्होंने विश्वाजित् नामक यज्ञ किया था और उसमें समग्र कोष दान कर दिया था । महाराज अज इन्हीं के पुत्र थे । प्रसिद्ध रघुवंश के मूल पुरुष यही थे ।
२. रघु के वंश में उत्पन्न कोई व्यक्ति ।
रघु ^२ वि॰
१. शीघ्रगति । द्रुतगति । शीघ्रगामी ।
२. चपल ।
३. चंचल । लोल ।
४. उत्सुक । आतुर । व्यग्र । अधीर [को॰] ।