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हिरासत मे लेने की कड़ी

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हिरासत मे लेने की कड़ी (chain of custody) कानूनी भाषा मे मतलब है की कालानुक्रमिक प्रलेखन पूरे मामले की जेसे सबूतो की या गवाह की। शुरु से ले कर मामला या केस खत्म होने तक, उस पूरे मामले की प्रलेखन (documentation) बनाई जाती है। यह कानूनी करवाई के लिए जरुरी है की सारी जानकारी एक साथ हो। कोई भी हिस्सा छुटना नही चाहिय इससे कानूनी करवाई करने मे आसानी होती है और पूरे मामले का पता होता है। कब और कहा सबूत गये हैं कोन कोन मामले में शामिल है और सबूतों का विश्लेषण और उनका परिणाम क्या रहा। शुरु से ले कर मामले के खत्म होने तक उस मामले की प्रलेखन (documentation) बनाई जाती है। मामले के प्रलेखन से यह पता लग जाता है की अपराध मे कितने व्यक्ति शामिल थे।

हिरासत में लेने की कड़ी मे यह होता है:

  • जो व्यक्ति सबूत उठा रहा है उसका नाम और उसके हस्ताक्षर लिए जाते है। जो उस सबूत से जुड़ा हुआ है उस का नाम।
  • जिस तारिक को सबूत उठाया है और आगे भेजा है।
  • एजेंसी का नाम, केस नंबर और अपराध किस तरह का है।
  • जो व्यक्ति केस में शामिल हैं उनके नाम।
  • केस की तस्वीरे।
  • न्यायालय की प्रक्रिया।
  • केस के खत्म होने की तारीख और फैसला।