सुशील कुमार मोदी
सुशील कुमार मोदी | |
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पद बहाल 25 जुलाई 2017 – 15 नवम्बर 2020 | |
मुख्यमंत्री | नीतीश कुमार |
पूर्वा धिकारी | तेजस्वी यादव |
पद बहाल 24 नवम्बर 2005 – 16 जून 2013 | |
मुख्यमंत्री | नीतीश कुमार |
पूर्वा धिकारी | कर्पूरी ठाकुर |
पदस्थ | |
कार्यालय ग्रहण 2018 | |
जन्म | 5 जनवरी 1952 पटना |
मृत्यु | 13 मई 2024 दिल्ली |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
राजनीतिक दल | भारतीय जनता पार्टी |
जीवन संगी | जेस्सी जॉर्ज |
बच्चे | दो पुत्र |
निवास | पटना, बिहार |
शैक्षिक सम्बद्धता | पटना विश्विद्यालय, बिहार |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
As of 18 जून, 2006 Source: Government of Bihar |
सुशील कुमार मोदी (जन्म 5 जनवरी 1952 - मृत्यु 13 मई 2024 ) भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ और बिहार के तीसरे उपमुख्यमंत्री थे। वे बिहार के वित्त मंत्री भी रहे। मृत्यु के समय वे भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा सांसद थे।
प्रारंभिक जीवन
[संपादित करें]मोदी का जन्म 5 जनवरी 1952 को पटना में हुआ था। इनके माता का नाम रत्ना देवी तथा पिता का नाम मोती लाल साहू था। इनका विद्यालय जीवन पटना के सेंट माइकल स्कूल में हुई। इसके बाद इन्होने बी.एस.सी. की डिग्री बी.एन. कॉलेज, पटना से प्राप्त की। बाद में इन्होने एम.एस.सी. का कोर्स छोड़ दिया और जय प्रकाश नारायण द्वारा चलाये गए आंदोलन में कूद पड़े।
व्यक्तिगत जीवन
[संपादित करें]मोदी ने 1987 में जेसी जॉर्ज से शादी की।[1][2][3] जेस्सी जॉर्ज मुंबई से हैं।[4] इस दंपती के दो बेट हैं - उत्कर्ष ताथगेट (इंजीनियरिंग क्षेत्र में काम)[5] [6] और अक्षय अमृतांशु (जो कानूनी क्षेत्र में क��म करते हैं)।[7][8] तथगेट ने बंगलौर में इंजीनियरिंग पूरी की, जबकि अक्षय ने राष्ट्रीय कानून संस्थान विश्वविद्यालय, भोपाल में कानून पूरा किया।[9] बंगलौर की एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले उत्कर्ष का विवाह कोलकाता की एक लड़की (चार्टर्ड अकाउंटेंट) से तय हुई है।[10] यह शादी 3 दिसंबर 2017 को पटना से हुई।[11]
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का १३ मई २०२४ , सोमवार की देर रात निधन हो गया। वे कैंसर रोग से ग्रसित थे, नयी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में उनका इलाज चल रहा था। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी इस बीमारी का खुलासा किया था।[12]
राजनीतिक कैरियर
[संपादित करें]1990 में, वह सक्रिय राजनीति में शामिल हो गए और सफलतापूर्वक पटना केंद्रीय विधानसभा (जिसे अब कुम्हार (विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र) के रूप में जाना जाता है) से चुनाव लड़ा। 1 99 0 में उन्हें फिर से निर्वाचित किया गया था। 1 99 0 में, उन्हें भाजपा बिहार विधानसभा दल के मुख्य सचेतक बनाया गया था। 1996 से 2004 तक वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता थे। उन्होंने पटना हाईकोर्ट में लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जनहित याचिका दायर की, जिसे बाद में चारा घोटाले के रूप में जाना जाता था। 2004 में वह भागलपुर के निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के सदस्य बने।
वह 2000 में एक अल्पकालिक नीतीश कुमार सरकार में संसदीय कार्य मंत्री थे। उन्होंने झारखंड राज्य के गठन का समर्थन किया।
2005 में बिहार चुनाव में, एनडीए सत्ता में आया और मोदी को बिहार बीजेपी विधानमंडल पार्टी के नेता चुना गया। उन्होंने बाद में लोकसभा से इस्तीफा दे दिया और बिहार के उपमुख्य मंत्री के रूप में पदभार संभाला। कई अन्य विभागों के साथ उन्हें वित्त पोर्टफोलियो दिया गया था। 2010 में बिहार चुनावों में एनडीए की जीत के बाद, वह बिहार के उप मुख्यमंत्री बने रहे। मोदी ने 2005 और 2010 के लिए बिहार विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए प्रचार करने में समर्थ नहीं हुए।
2017 में, बिहार में जेडीयू-आरजेडी ग्रैंड एलायंस सरकार के पतन के पीछे सुशील मोदी मुख्य खिलाड़ी थे, उन्होंने अपने बेनामी संपत्तियों और अनियमित वित्तीय लेनदेन के आरोप में चार महीने के लिए राजद प्रमुख लालू प्रसाद और उनके परिवार के खिलाफ लगातार निंदा की।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ
[संपादित करें]भारत-चीन युद्ध, 1962 के दौरान मोदी खासे सक्रिय थे और स्कूल के छात्रों को शारीरिक फिटनेस व परेड आदि का प्रशिक्षण देने के लिये सिविल डिफेंस के कमांडेंट नियुक्त किये गये थे। उसी साल नौजवान सुशील ने आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्यता ज्वाइन की। 1968 में उन्होंने आरएसएस का उच्चतम प्रशिक्षण यानी अधिकारी प्रशिक्षण कोर्स ज्वाइन किया जो तीन साल का होता है। मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने आरएसएस के विस्तारक (पूर्ण कालिक वर्कर) की भूमिका में दानापुर व खगौल में काम किया और कई स्थानों पर आरएसएश की शाखाएं शुरू करवायीं। बाद में उन्हें पटना शहर के संध्या शाखा का इंचार्ज भी बनाया गया। मोदी के परिवार का रेडीमेड वस्त्रों का पारिवारिक कारोबार था और घर वाले चाहते थे कि वे कारोबार संभालें, लेकिन उन्होंने इस इच्छा के विपरीत जाकर सेवा का रास्ता चुना।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "When Atal Bihari Vajpayee 'refused' to bless Sushil Kumar Modi". मूल से 13 अप्रैल 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2018.
- ↑ "No 'band, baaja, baaraat' for SuMo son's wedding". मूल से 19 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 नवंबर 2017.
- ↑ "Political way to nurture love". मूल से 12 अगस्त 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 नवंबर 2017.
- ↑ "Cool leaders see off 2012 with relatives Most ministers retire to bed before midnight, Bhim Singh stays up late". मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 नवंबर 2017.
- ↑ "Sushil Kumar Modi: Rabri, 2 sons part of firm making mall in Patna". मूल से 23 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ "सुशील मोदी के बेटे की शादी में न बैंड बजेगा, न गिफ्ट लिए जाएंगे, न दहेज लिया जाएगा". मूल से 18 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 नवंबर 2017.
- ↑ "Tej returns Sushil fire Not afraid of anyone, says Rabri Devi in defence of son".[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "'Son-rise' but only for Lalu in Bihar". मूल से 3 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 नवंबर 2017.
- ↑ "Bihar's 'sunshine kids' opt to act and play". मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 नवंबर 2017.
- ↑ "सुशील मोदी के बेटे की शादीः न कार्ड छपवाया न देंगे भोज, गिफ्ट में लेंगे देहदान का तोहफा". मूल से 21 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2017.
- ↑ "बिहार: बिना बैंड-बाजे के होगी डिप्टी सीएम के बेटे की शादी, जानिए वजह". मूल से 23 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 नवंबर 2017.
- ↑ "बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी का निधन". प्रभात खबर. 14 मई 2024. अभिगमन तिथि 14 मई 2024.