द्वितिय बल्गेरियाई साम्राज्य
द्वितीय बुल्गारिया साम्राज्य की स्थापना 1185 में असें और पीटर नामक भाइयों ने बाइजेंटाइन शासन के खिलाफ विद्रोह के माध्यम से की। उन्होंने तुर्नोवो को अपनी राजधानी बनाया और इसे स्वतंत्र बुल्गारिया चर्च का मुख्यालय भी बनाया। पीटर IV और उनके भाई इवान असें I ने साम्राज्य को मजबूत किया और बाइजेंटाइन साम्राज्य के साथ एक संधि के माध्यम से बाल्कन पर्वत के उत्तर का क्षेत्र अपने अधिकार में कर लिया।
द्वितीय बुल्गारिया साम्राज्य Второ Българско царство | |||||
साम्राज्य | |||||
| |||||
राजधानी | तुर्नोवो | ||||
भाषाएँ | पुरानी चर्च स्लावोनिक, बुल्गारियन | ||||
धार्मिक समूह | पूर्वी रूढ़िवादी ईसाई धर्म | ||||
शासन | राजशाही | ||||
त्सार (सम्राट) | पीटर IV (पहला सम्राट) | ||||
इवान शिशमान (अंतिम सम्राट) | |||||
इतिहास | |||||
- | असें और पीटर का विद्रोह | 1185 | |||
- | ओटोमन साम्राज्य द्वारा विजय | 1422 | |||
आज इन देशों का हिस्सा है: | बुल्गारिया, सर्बिया, मेसिडोनिया, रोमानिया, तुर्की | ||||
Warning: Value not specified for "continent" |
प्रारंभिक विस्तार और संघर्ष
[संपादित करें]इवान असें I के बाद, उनके छोटे भाई कालोयान ने 1197 से 1207 तक शासन किया। उन्होंने पोप इनोसेंट III के साथ बातचीत करके साम्राज्य को वैधता दिलाई और राजा का ताज प्राप्त किया। 1205 में एड्रियानोपल के युद्ध में उन्होंने लैटिन सम्राट बाल्डविन I को पराजित किया। यह विजय साम्राज्य के विस्तार और प्रतिष्ठा में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी।[1]
स्वर्ण युग
[संपादित करें]कालोयान के बाद इवान असें II (1218–1241) ने सत्ता संभाली और कूटनीति के माध्यम से साम्राज्य को स्थिर किया। 1230 में क्लोकॉटनित्सा के युद्ध में उन्होंने एपिरस के थियोडोर कोमनेनोस को हराया और मैसिडोनिया और थ्रेस पर अधिकार कर लिया। उनके शासनकाल को बुल्गारिया के मध्यकालीन इतिहास के सबसे सफल कालों में गिना जाता है।[2]
पतन और आंतरिक संघर्ष
[संपादित करें]इवान असें II की मृत्यु के बाद, बाइजेंटाइन, हंगरी, और मंगोल हमलों ने साम्राज्य को कमजोर कर दिया। इसके अलावा, राजमहल के भीतर सत्ता संघर्ष और गृह युद्धों ने स्थिति और बिगाड़ दी। 14वीं सदी में इवान अलेक्जेंडर (1331–1371) ने अस्थायी स्थिरता लाने का प्रयास किया और बुल्गारिया की संस्कृति और साहित्य में पुनर्जागरण किया।[1]
ओटोमन विजय और अंत
[संपादित करें]1350 के दशक में ओटोमन साम्राज्य ने बाल्कन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। 1393 में तुर्नोवो पर कब्जे के साथ बुल्गारिया का राजनीतिक पतन शुरू हो गया। इवान शिशमान (1371–1395) ने सहायता के लिए सर्बिया और हंगरी का सहारा लिया, लेकिन उनकी हार के साथ बुल्गारिया ओटोमन नियंत्रण में चला गया।[2]
विरासत
[संपादित करें]द्वितीय बुल्गारिया साम्राज्य ने अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक उपलब्धियों के माध्यम से स्थायी प्रभाव छोड़ा। तुर्नोवो का साहित्यिक और बौद्धिक केंद्र पूर्वी यूरोप में प्रमुख था। बुल्गारियाई प्रवासी विद्वानों ने सर्बिया, रूस, और अन्य क्षेत्रों में योगदान दिया। हालांकि, 1422 तक ओटोमन विजय के साथ बुल्गारिया की स्वतंत्रता समाप्त हो गई और लगभग पांच सदियों तक यह ओटोमन साम्राज्य के अधीन रहा।[1]
संदर्भ
[संपादित करें]- ↑ अ आ इ "Bulgaria - Medieval, Orthodox, Balkan | Britannica". www.britannica.com (अंग्रेज़ी में). 2025-01-20. अभिगमन तिथि 2025-01-20.
- ↑ अ आ Angelov, Alexander (2016), "Bulgarian Medieval Empire (First and Second)", The Encyclopedia of Empire (अंग्रेज़ी में), John Wiley & Sons, Ltd, पपृ॰ 1–6, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-118-45507-4, डीओआइ:10.1002/9781118455074.wbeoe184, अभिगमन तिथि 2025-01-20