डायोड सेतु
दिखावट
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डायोड सेतु (diode bridge) चार या अधिक डायोडों को सेतु के रूप में (स्कीमैटिक चित्र देखें) जोड़ने से बनता है। इसकी विशेषता है कि इसके इनपुट में किसी भी ध्रुवता (पोलैरिटी) का वोल्टेज लगाने पर आउटपुट में एक ही पोलैरिटी का वोल्टेज मिलता है। इसकारण इसका उपयोग दिष्टकारी के रूप में एसी को डीसी में बदलने के लिये किया जाता है। यह एकफेजी, त्रिफेजी या बहुफेजी हो सकता है। त्रिफेजी डायोड सेतु के लिये ६ डायोडों की आवश्यकता होती है।
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सन्दर्भ
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- सेतु परिपथ
- दिष्टकारी (रेक्टिफायर)
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