मेघालय के मुख्यमंत्रियों की सूची
मुख्यमंत्री, मेघालय | |
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नियुक्तिकर्ता | मेघालय के राज्यपाल |
उद्घाटक धारक | विलियमसन ए संगमा |
गठन | २ अप्रैल १९७० |
मेघालय के मुख्यमंत्री उत्तर-पुर्व भारत के मेघालय राज्य के सरकार के प्रमुख हैं। भारत के संविधान के मुताबिक, मेघालय के राज्यपाल राज्य के न्यायपालिक है, लेकिन वास्तविक कार्यकारी प्राधिकारी मुख्यमंत्री है। मेघालय विधान सभा के चुनावों के बाद, राज्यपाल आम तौर पर सरकार बनाने के लिए बहुसंख्य पक्ष (या गठबंधन) को आमंत्रित करता है। राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्त करता है, जिनके मंत्रिमंडल में सामूहिक रूप से विधानसभा के लिए जिम्मेदार है। यह देखते हुए कि उन्हें विधानसभा का विश्वास है, मुख्यमंत्री का कार्यकाल पांच साल के लिए है और यह कोई अवधि सीमा नहीं है।
१९७० से, बारह लोगों ने मेघालय के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। इनमें से छह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के थे, जिनमें पहले पदाधिकारी विलियमसन ए संगमा और सबसे लम्बे समय तक पदधारी मुकुल संगमा शामिल है, जो कार्यालय में २० अप्रैल २०१० से ६ मार्च २०१८ तक रहे। वर्तमान पदधारी कॉनराड संगमा हैं जो ६ मार्च २०१८ से इस पद पर हैं।[1]
मुख्यमंत्रियों की सूची
[संपादित करें]क्र॰[a] | नाम | कार्यकाल [2] | दल [b] | कार्याकाल का अवधी | ||
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१ | विलियमसन ए संगमा सिजू के विधायक |
२ अप्रैल १९७० | २१ January १९७२ | ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस | ८४२ दिन | |
२१ जनवरी १९७२ | १८ मार्च १९७२ | ५८ दिन | ||||
१८ मार्च १९७२ | २१ नवंबर १९७६ | १७१० दिन | ||||
२२ नवंबर १९७६ | ३ मार्च १९७८ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | ४३७ दिन | |||
२ | डार्विन दीनघदो पग मौखर के विधायक |
१० मार्च १९७८ | २१ फरवरी १९७९ | ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस | ३४८ दिन | |
२१ फरवरी १९७९ | ६ मई १९७९ | ७५ दिन [कुल ४२३ दिन] | ||||
३ | बी बी लिंगदोह लिंक्य्रडेम के विधायक |
७ मई १९७९ | ७ मई १९८१ | ७३२ दिन | ||
(१) | विलियमसन ए संगमा बघमारा के विधायक |
७ मई १९८१ | २४ फरवरी १९८३ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | ६५७ दिन | |
(३) | बी बी लिंगदोह लिंक्य्रडेम के विधायक |
२ मार्च १९८३ | ३१ मार्च १९८३ | ऑल पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस | ३० दिन | |
(१) | विलियमसन ए संगमा बघमारा के विधायक |
२ अप्रैल १९८३ | ५ फरवरी १९८८ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | १७६९ दिन [कुल ५१९९ दिन] | |
४ | पी॰ ए॰ संगमा तुरु के विधायक |
६ फरवरी १९८८ | २५ मार्च १९९० | ७७९ दिन | ||
(३) | बी बी लिंगदोह लिंक्य्रडेम के विधायक |
२६ मार्च १९९० | १० अक्टूबर १९९१ | एच पी यु | ५६४ दिन | |
– | रिक्त [c] (राष्ट्रपति शासन) |
११ अक्टूबर १९९१ | ५ फरवरी १९९२ | - | ११७ दिन | |
५ | डी डी लापांग नॉग्पोह के विधायक |
५ फरवरी १९९२ | १९ फरवरी १९९३ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | ३८१ दिन | |
६ | एस सी मार्क रेसुबेलपारा के विधायक |
१९ फरवरी १९९३ | २७ फरवरी १९९८ | १८३५ दिन | ||
२७ फरवरी १९९८ | १० मार्च १९९८ | १३ दिन [कुल १८४८ दिन] | ||||
(३) | बी बी लिंगदोह लिंक्य्रडेम के विधायक |
१० मार्च १९९८ | ८ मार्च २००० | यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय) | ७२९ दिन [कुल २०५५ दिन] | |
७ | ई के मॉलोंग उम्रोय के विधायक |
८ मार्च २००० | ८ दिसंबर २००१ | २७५ दिन | ||
८ | फ्लिंडर एंडरसन खोंगलाम सोहरा के विधायक |
८ दिसंबर २००१ | ४ मार्च २००३ | निर्दलीय | ४५२ दिन | |
(५) | डी डी लापांग नॉग्पोह के विधायक |
४ मार्च २००३ | १५ जुन २००६ | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | १२३० दिन | |
९ | जे डी रमबई जिरांग के विधायक |
१५ जुन २००६ | १० मार्च २००७ | २६८ दिन | ||
(५) | डी डी लापांग नॉग्पोह के विधायक |
१० मार्च २००७ | ४ मार्च २००८ | ३६० दिन | ||
४ मार्च २००८ | १९ मार्च २००८ | १६ दिन | ||||
१० | दोनकुपर रॉय शेला के विधायक |
१९ मार्च २००८ | १८ मार्च २००९ | यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (मेघालय) | ३६५ दिन | |
– | रिक्त [c] (राष्ट्रपति शासन) |
१८ मार्च २००९ | १२ मई २००९ | - | ५५ दिन | |
(५) | डी डी लापांग नॉग्पोह के विधायक |
१३ मई २००९ | १९ अप्रैल २०१० | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | ३४१ दिन [कुल २३२८ दिन] | |
११ | मुकुल संगमा अंपती के विधायक |
२० अप्रैल २०१० | ५ मार्च २०१३ | ७ साल, ३१८ दिन | ||
५ मार्च २०१३ | ६ मार्च २०१८ | |||||
१२ | कॉनराड संगमा | ६ मार्च 2018 | पदस्थ | नेशनल पीपल्स पार्टी | 2489 दिन |
टिप्पणियाँ और सन्दर्भ
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- ↑ वर्तमान संख्या। कोष्ठक के अंदर एक नंबर दर्शाता है कि पदाधिकारियों ने पहले कार्यालय का आयोजन किया था।
- ↑ यहा केवल मुख्यमंत्री के दल का नाम दिया है। वह राज्य सरकार कई दलों और निर्दलीयों का एक जटिल गठबंधन हो सकता है; जो यहां सूचीबद्ध नहीं हैं।
- ↑ अ आ राष्ट्रपति शासन तब लगाया जा सकता है। जब राज्य संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर पाता है। ये अक्सर होता है क्योंकि विधानसभा में कोई भी दल या गठबंधन बहुमत नहीं रखते। जब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होता है, तो मंत्रियों की परिषद भंग हो जाती है। इस प्रकार मुख्यमंत्री का पद खाली होता है, और प्रशासन राज्यपाल द्वारा किया जाता है, जो केंद्र सरकार की ओर से कार्य करता है। कभी-कभी विधानसभा भी भंग हो जाती है। [3]
- सन्दर्भ
- ↑ "कॉनराड संगमा ने मेघालय के सीएम पद की ली शपथ, बीजेपी के समर्थन से बनाई सरकार". टाइम्स नाउ हिन्दी. ६ मार्च २०१८. मूल से 8 मार्च 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ८ मार्च २०१८.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 19 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 25 सितंबर 2017.
- ↑ अंबरीश के दिवानजी. "A dummy's guide to President's rule"। रेडीफ़, १५ मार्च २००५.