रतलाम
रतलाम (Ratlam) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के मालवा क्षेत्र में स्थित एक नगर निगम। यह रतलाम ज़िले का मुख्यालय भी है।[2][3]
रतलाम Ratlam | |
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रतलाम रेलवे जंक्शन | |
निर्देशांक: 23°20′02″N 75°02′13″E / 23.334°N 75.037°Eनिर्देशांक: 23°20′02″N 75°02′13″E / 23.334°N 75.037°E | |
शासक वर्ग | राजपूत |
प्रान्त | मध्य प्रदेश |
ज़िला | रतलाम ज़िला |
शासन | |
• सभा | रतलाम नगर निगम |
• सांसद | गुमानसिंह डामोर (भाजपा) |
क्षेत्रफल[1] | |
• कुल | 54.25 किमी2 (20.95 वर्गमील) |
ऊँचाई | 480 मी (1,570 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,64,914 |
• दर्जा | मध्य प्रदेश में 9वाँ |
• घनत्व | 4,900 किमी2 (13,000 वर्गमील) |
वासीनाम | रतलामी |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | हिन्दी |
समय मण्डल | भारतीय मानक समय (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 457001 |
दूरभाष कोड | 07412 |
वाहन पंजीकरण | MP-43 |
वेबसाइट | www |
रतलाम एक समय मध्य भारत के पहले वाणिज्यिक शहरों में से एक था, जो अफ़ीम, तम्बाकू और नमक के व्यापक व्यापार का केंद्र था। यह मालवा में सट्टा नामक सौदेबाजी के लिए भी प्रसिद्ध था।[4]राजा जस्सा भील रतलाम के राजा थे और उचान गढ़ के रहने वाले थे यह महिडा गोत्र के थे। यह बेहद प्रसिद्ध हुए इन्हे मारवाड के मोटा राजा उदयसिंह के आठवे पुत्र दलपत के पोत्र रतन सिंह ने मारकर रतलाम पर कब्जा कर लिया[5]
विवरण
संपादित करेंरतलाम शहर समुद्र सतह से १५७७ फीट कि ऊन्चाई पर स्थित है। रतलाम के पहले राजा महाराजा रतन सिंह थे। यह नगर सेव, सोना, सट्टा, मावा, साडी तथा समोसा, कचोरी, दाल बाटी के लिये प्रसिद्ध है। रतलाम की सबसे ज्यादा प्रसिद्ध रतलामी सेव हैं जिसका पुराना नाम भीलडी सेव था, सेव की खोज भील जनजाति ने करी थी।[6]19 वी शताब्दी के दौरान रतलाम में भील शासकों का शासन था चूंकि मुगल और राजपूतों के आपसी संबंधों के कारण मुगलों का आगमन रतलाम में होता रहता था उस दौरान एक मुगल बादशाह ने रतलाम आकर सेवाया खाने की इच्छा जाहिर की उस दौरान रतलाम के भील सरदार ने बेसन से बनी सेव को मुगल बादशाह को खिलाया था [7]।
महाराजा रतनसिंह और उनके पुत्र रामसिंह के नामों के संयोग से शहर का नाम रतनराम हुआ, जो बाद में अपभ्रंशों के रूप में बदलते हुए क्रमशः रतराम और फिर रतलाम के रूप में जाना जाने लगा। मुग़ल बादशाह शाहजहां ने रतलाम जागीर को रतन सिह को एक हाथी के खेल में, उनकी बहादुरी के उपलक्ष में प्रदान की थी। उसके बाद, जब शहजादा शुजा और औरंगजेब के मध्य उत्तराधिकारी की जों जंग शरू हुई थी, उसमे रतलाम के राजा रतन सिंह ने बादशाह शाहजहां का साथ दिया था। औरंगजेब के सत्ता पर असिन होने के बाद, जब अपने सभी विरोधियो को जागीर और सत्ता से बेदखल किया, उस समय, रतलाम के राजा रतन सिंह को भी हटा दिया था और उन्हें अपना अंतिम समय मंदसौर जिले के सीतामऊ में बिताना पड़ा था और उनकी मृत्यु भी सीतामऊ में भी हुई, जहाँ पर आज भी उनकी समाधी की छतरिया बनी हुई हैं। औरंगजेब द्वारा बाद में, रतलाम के एक सय्यद परिवार, जों की शाहजहां द्वारा रतलाम के क़ाज़ी और सरवनी जागीर के जागीरदार नियुक्त किये गए थे, द्वारा मध्यस्ता करने के बाद, रतन सिंह के बेटे को उत्तराधिकारी बना दिया गया।
इसके आलावा रतलाम जिले का ग्राम सिमलावदा अपने ग्रामीण विकास के लिये पूरे क्षेत्र में प्रसिद्ध हे। यहाँ के ग्रामीणों द्वारा जनभागीदारी से गांव में ही कई विकास कार्य किये गए हे। रतलाम से 30 किलोमीटर दूर बदनावर इंदौर रोड पर सिमलावदा से 4 किलोमीटर दूर कवलका माताजी का अति प्राचीन पांडवकालीन पहाड़ी पर स्थित मन्दिर हे। यहाँ पर दूर दूर से लोग अपनी मनोकामना पूरी करने और खासकर सन्तान प्राप्ति के लिए यहाँ पर मान लेते हे।
राजनीतिक क्षेत्र
संपादित करेंरतलाम जिला क्षेत्र के आधार पर जिले में कुल पाँच विधानसभा निर्वाचनक्षेत्र हैं:
- रतलाम नगर (श्री चेतन्य कश्यप)
- रतलाम ग्रामीण (श्री मथुरालाल डामोर)
- सेलाना (श्री कमलेश्वर डोडियार)
- जावरा (श्री राजेंद्र पांडे )
- आलोट (श्री मनोज चावला)
लोकसभा निर्वाचनक्षेत्र तीन हैं - रतलाम नगर, रतलाम ग्रामीण, सेलाना।
जनसांख्यिकी
संपादित करें2011 की जनगणना के अनुसार, रतलाम शहर की जनसंख्या 264,914 है, जिसमें 134,915 पुरुष और 129,999 महिलाएँ हैं। लिंगानुपात 964 महिलाओं पर 1000 पुरुषों का है। 0 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों की संख्या 29,763 है। रतलाम में साक्षरों की कुल संख्या 204,101 थी, जो जनसंख्या का 77.0% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता 81.2% और महिला साक्षरता 72.8% थी। रतलाम की 7+ जनसंख्या की प्रभावी साक्षरता दर 86.8% थी, जिसमें पुरुष साक्षरता दर 91.7% और महिला साक्षरता दर 81.8% थी। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमशः 27,124 और 12,567 थी। रतलाम में कुल परिवारों की संख्या 53133.28.17% है जो कि रतलाम जिले की कुल जनसंख्या का 28.17% अनुसूचित जनजाति (आदिवासी) है। 2024 में रतलाम शहर की वर्तमान अनुमानित जनसंख्या 374,000 है, जबकि रतलाम मेट्रो की जनसंख्या 387,000 अनुमानित है। [8]
जनजातियाँ
संपादित करेंअर्थव्यवस्था
संपादित करेंव्यापार
संपादित करेंरतलाम में कई उद्योग हैं जो तांबे के तार, प्लास्टिक की रस्सियाँ, रसायन और ऑक्सीजन सहित अन्य उत्पाद बनाते हैं। रतलाम सोना, चाँदी, रतलामी सेव, रतलामी साड़ी और हस्तशिल्प के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है। रतलाम शहर में कई बड़ी कंपनियाँ स्थित हैं। सार्वजनिक सूचीबद्ध कंपनियां जैसे डीपी वायर्स, डीपी आभूषण लिमिटेड और कटारिया वायर लिमिटेड। अंबी वाइन की विनिर्माण इकाई भी रतलाम में स्थित है
कृषि
संपादित करेंजिले में उगाई जाने वाली प्रमुख फ़सलों में सोयाबीन, गेहूं, मक्का, चना, कपास, लहसुन, प्याज, मटर, अमरूद, अनार, अंगूर और अफीम शामिल हैं जो रतलाम की जावरा तहसील के क्षेत्र में हैं।
पर्यटन स्थल
संपादित करेंJVL मन्दिर कालका माता मंदिर , बड़े केदारेश्वर, ओर छोटे केदारेश्वर, जावरा हुसैन टेकरी, बड़ावदा बाबा फरीद दरगाह, सैलाना केक्टस गार्डन, सैलाना के कवलका माताजी पहाड़ी मन्दिर , सिमलावदा गढ़खनकाई माताजी राजपुरा, बाजना रोड वेदुमाला सागर झरना छत्री , धोलावाड डैम ,धोलावाद
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Welcome to Ratlam City". rmcratlam.in. अभिगमन तिथि 22 November 2020.
- ↑ "Inde du Nord: Madhya Pradesh et Chhattisgarh Archived 2019-07-03 at the वेबैक मशीन," Lonely Planet, 2016, ISBN 9782816159172
- ↑ "Tourism in the Economy of Madhya Pradesh," Rajiv Dube, Daya Publishing House, 1987, ISBN 9788170350293
- ↑ "History | District Ratlam, Government of Madhya Pradesh | India".
- ↑ Guṇārthī, Rameśacandra (1965). Rājasthānī jātiyoṃ kī khoja. Ārya Bradarsa. पृ॰ 148.
- ↑ "Tribals Invented Sev 200 Years Ago. Now, Sev Makers Are Evicting Them," Nihar Gokhale, 31 March 2019, IndiaSpend
- ↑ https://www.india.com/author/newsdesk. "Bhil Tribals Invented Ratlami Sev 200-Years-Ago And It Has A Mughal Connect". www.india.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-07-11.
- ↑ "Ratlam Population 2024".