दमिश्क़

सीरिया की राजधानी
(दमिश्क से अनुप्रेषित)

दमिश्क़ (अरबी: دِمَشْق) सीरिया की राजधानी और वहाँ का सबसे बड़ा शहर है। देश के दक्षिण-पश्चिमी कोने में लेबनॉन की सीमा के निकट बसा यह ऐतिहासिक नगर है। वर्तमान समय में इसकी जनसंख्या 46 लाख के लगभग है। दमिश्क विश्व के प्राचीनतम नगरों में गिना जाता है जहाँ आज भी लोग रह रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि दमिश्क में 8000 से 10000 ईसा पूर्व में लोगो ने रहना प्रारंभ कर दिया था। दमिश्क लेवेंट और अरब दुनिया का एक प्रमुख सांस्कृतिक केंद्र है। 2022 तक शहर की अनुमानित जनसंख्या पच्चीस लाख तीन हजार थी।

दमिश्क़
دِمَشْق
महानगर
Skyline of दमिश्क़
Official logo of दमिश्क़
चिन्ह
उपनाम: चमेली की शहर
देश सीरिया
प्रांतदमिश्क़ प्रांत
शासन
 • प्रणालीमहापौर-परिषद सरकार
 • राज्यपालमाहिर मरवान
क्षेत्रफल
 • नगरीय77 किमी2 (30 वर्गमील)
 • महानगर105 किमी2 (41 वर्गमील)
ऊँचाई680 मी (2,230 फीट)
जनसंख्या
 • महानगर25,03,000
 • महानगर घनत्व24000 किमी2 (60,000 वर्गमील)
 • महानगर26,85,000
 • महानगरीय घनत्व7090 किमी2 (18,400 वर्गमील)
वासीनामदमिश्क़ी
भूगोल सूचक संख्याC1001
आई॰एस॰ओ॰ ३१६६ कोडSY-DI
वेबसाइटwww.damascus.gov.sy

दक्षिण-पश्चिमी सीरिया में स्थित, दमिश्क 1,711,000 के साथ के बड़े महानगरीय क्षेत्र का केंद्र भी है। अंतर्देशीय समुद्र तल से 680 मीटर (2,230 फीट) के पठार पर भूमध्यसागरीय तट का किनारा, दमिश्क छाया प्रभाव के कारण अर्ध शुष्क जलवायु का अनुभव करता है। बरदा नदी दमिश्क से होकर बहती है।

दमिश्क दूसरी सहस्राब्दी में बसाया गया था दमिश्क उमायाद खिलाफ़त की राजधानी 661 ईस्वी से 750 ईस्वी तक रहा था। अब्बासी खिलाफत की जीत के बाद, इस्लामी शक्ति की 7राजधानी बगदाद चली गई। दमिश्क ने अब्बासीद युग में राजनीतिक गिरावट देखी , केवल अय्यूबिद और मामलुक काल में महत्वपूर्ण महत्व हासिल करने के लिए। आज, यह केंद्र सरकार और सभी सरकारी मंत्रालयों की सीट है।

इस्लामी काल

संपादित करें

इस्लाम के शुरुआती काल में ही, सन् ६६१ ईस्वी के बाद यह सुन्नी उमय्यद ख़लीफ़ाओं की राजधानी बन गया जो सन् ७५० ईस्वी तक चला। इसके बाद इसकी महत्ता में कमी आई, लेकिन बारहवी सदी में तुर्क मूल के बुवाई शासकों की राजधानी रहने के बाद इसमें थोड़ी वृद्धि हुई। यह शहर पुराने काल से ही दीवारों से घिरा है। सन् १४०० में तैमूर लंग का आक्रमण हुआ, इससे दो साल पहले यही तैमूर लंग दिल्ली पर भी आक्रमण कर चुका था। यहाँ से कई लोगों-औरतों को समरक़ंद ग़ुलाम बना कर ले जाया गया। सन् १५१६ के बाद से बीसवी सदी तक यह इस्तांबुल के ओतमानी उस्मानी शासकों के अधीन रहा।

वर्तमान में दमिश्क सीरिया की राजधानी है जो लेबनान की सीमा और भूमध्य सागर के निकट है, इराक और तुर्की की सीमा से दूर। शहर से होकर बरदा नदी बहती है, जो कम बहाव वाली है।

उस्मानिया ख़िलाफ़त और दमिश्क

संपादित करें

उस्मानिया ख़िलाफ़त के दौरान दमिश्क ने अपना राजनीतिक स्थान खो दिया, लेकिन इसका व्यापारिक महत्व बना रहा. मध्य पूर्व और बलक़ान (बाल्कन) के विलय से आंतरिक व्यापार तो बढ़ा, लेकिन इसमें यूरोपीय वर्चस्व से सीरिया के शहरों की भूमिका व्यापारिक डिपो तक सीमित रह गई. उस्मानी दौर में दमिश्क में हज सीजन के दौरान आर्थिक गतिविधियां बढ़ जाती थीं. उस्मानी दौर के सुल्तानों, जो ख़ुद को मक्का और मदीना का संरक्षक कहते थे, उनकी कोशिश थी कि हज की व्यवस्था को मज़बूत किया जाए. अनातोलिया (एशिया माइनर) से मक्का के रास्ते में दमिश्क शहरी केंद्र था जो उत्तर और पूर्व से आने वाले हज यात्रियों की मुलाक़ात की जगह भी बना. इसलिए हज सीज़न के दौरान तीर्थयात्रियों के रहने से शहर में आर्थिक गतिविधियां बढ़ीं. इस तरह निर्माण कार्य और विकास भी उन्हीं रास्तों पर हुआ जो मक्का की ओर जाते थे.

उन्नीसवीं सदी

संपादित करें

निर्माण कार्यों का उत्कर्ष अल अज़्म परिवार के दो लोगों- सुलेमान पाशा और असद पाशा के ज़रिए उमवी मस्जिद के दक्षिण में दो बड़े स्थानों के निर्माण से पूरा हुआ. उन्होंने अठाहरवीं सदी में राजनीतिक परिदृश्य पर वर्चस्व प्राप्त किया था।

उन्नीसवीं सदी में एक नए दौर की शुरुआत हुई. मिस्र के शासक मोहम्मद अली पाशा ने 1832 से 1840 तक सीरिया का नियंत्रण संभाला और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया ने यूरोपीय जीवन शैली को बढ़ावा दिया.

यूरोपीय शक्तियों की मदद से उस्मानियों की वापसी के बाद स्थानीय अर्थव्यवस्था पर यूरोपीय वर्चस्व बढ़ा, लेकिन आधुनिकीकरण का काम धीमा पड़ गया. सन् 1860 में हिंसक धार्मिक जुनून ने क्षेत्र में, विशेष तौर पर मौजूदा लेबनान के इलाके में सीधे यूरोपीय हस्तक्षेप का ��ास्ता बना दिया।

महान उस्मानी सुधारक मिदहत पाशा सन 1878 में गवर्नर बने. उन्होंने शहर की स्थिति को बेहतर करने, गलियों को चौड़ी करने और जल निकासी को बेहतर बनाने पर काम किया. बीसवीं सदी की शुरुआत में जर्मन इंजीनियरों ने दमिश्क-मदीना रेलवे बनाई जिसने हज पर जाने वालों के सफ़र के समय को कम कर केवल पांच दिनों का कर दिया. पहले विश्व युद्ध के दौरान दमिश्क उस्मानी और जर्मन सैनिकों का संयुक्त हेडक्वार्टर था. इससे पहले और युद्ध के दौरान दमिश्क में अरब राष्ट्रवाद ने ज़ोर पकड़ा और दमिश्क उस्मानी सल्तनत विरोधी आंदोलन का एक केंद्र बन गया. मक्का के शासक फ़ैसल ने अरब बग़ावत के समर्थन के लिए यहां का ख़ुफ़िया दौरा किया. फ़ैसल के पिता ने यह आंदोलन साल 1916 में शुरू किया था। जवाबी कार्रवाई में उस्मानी कमांडर इन चीफ़ जमाल पाशा ने 6 मई 1916 को 21 अरब राष्ट्रवादियों को फांसी पर लटका दिया और आज भी यह दिन 'शहीद दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. उस्मानियों को ब्रितानी और अरबों के संयुक्त हमले में हार मिली और सितंबर 1918 में शहर को ख़ाली कर दिया गया. 1919 में एक आज़ाद सीरिया की घोषणा की गई जिसकी राजधानी दमिश्क थी और फ़ैसल को 1920 की शुरुआत में बादशाह घोषित किया गया. फ़ैसल की बादशाहत बहुत देर तक नहीं चल सकी क्योंकि पहले विश्व युद्ध के दौरान यूरोपीय शक्तियों ने उस्मानिया सल्तनत के सूबों को आपस में बांटने के लिए ख़ुफ़िया योजना बनाई थी. इसके बाद सीरिया पर फ्रांस का कब्ज़ा हुआ और दमिश्क मेसालोन की जंग के बाद 25 जुलाई 1920 को जनरल हेनरी गौरॉड की सेना के हाथ लग गया. दमिश्क ने फ्रांसीसी कब्ज़े का प्रतिरोध किया और सन 1925 में शहर पर फ्रांसीसी बमबारी के बावजूद 1927 की शुरुआत तक प्रतिरोध जारी रहा. इसके बाद एक नई शहरी योजना बनाई गई. पुराने शहर के इर्द-गिर्द एक आधुनिक आवासीय इलाका बनाया गया. गोता के इलाके को अलग कर दिया गया जहां सीरियाई विद्रोही नियमित रूप से शरण लेते थे।

इस आधुनिक शहर में यूरोप की सामाजिक, सांस्कृतिक और स्थापत्य शैली ने परंपरागत जीवन शैली को चुनौती पेश की और अंततः पारंपरिक जीवन कमजोर पड़ गया।

सीरिया में फ्रांसीसी कब्ज़े के दौर में गंभीर राजनीतिक गतिविधियां देखने को मिलीं जिनमें लिबरलिज़्म, कम्युनिज़्म और अरब राष्ट्रवाद शामिल था. दमिश्क के नागरिकों ने अपने देशवासियों के साथ मिलकर अपने देश की आज़ादी और एकमात्र अरब देश के व्यापक लक्ष्य के लिए जद्दोजहद की. इस मक़सद के लिए बनी बाथ पार्टी की बुनियाद दूसरे विश्व युद्ध के दौरान दमिशक में रखी गई।

अप्रैल 1946 में फ्रांसीसी सैनिक अंततः देश से निकल गए और दमिश्क एक बार फिर आज़ाद सीरिया की राजधानी बन गया।

लोकतंत्र

संपादित करें

कमज़ोर सीरियाई लोकतंत्र क्षेत्र के बड़े राजनीतिक हंगामे को बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं था. ख़ास तौर पर 1948 में फ़लस्तीन के विभाजन और अरब-इसराइल युद्ध को जो तुरंत शुरू हो गया था. सन 1949 से 1970 तक कई विद्रोह हुए जिसके बाद कई नेता सत्ता में आए. मिस्र और सीरिया के अल्पकालिक के विलय के बाद बने 'संयुक्त लोकतांत्रिक अरब' (1958-1961) के दौरान दमिश्क की बजाय क़ाहिरा राजधानी बना रहा. साल 1963 में बाथ पार्टी विद्रोह से सत्ता में आई और समाजवादी सुधारों का प्रयोग शुरू हुआ. सन 1970 में उस समय के रक्षा मंत्री हाफ़िज़ अल-असद के नेतृत्व में एक आंतरिक विद्रोह हुआ जिसके बाद वह 30 साल तक देश के प्रमुख बने रहे. सन 2000 में उनकी मौत के बाद उनके बेटे बशर अल असद उनके उत्तराधिकारी बने. बशर अल-असद एक आधुनिक और सुधारवादी राष्ट्रपति के तौर पर उभरे. इसके बावजूद जो उम्मीदें उनसे बांधी गई थीं वह बड़ी हद तक अधूरी रह गईं. इस बीच, दमिश्क राजनीतिक शक्तियों, आर्थिक हितों और राजधानी में बेहतर जीवन चाहने वाले सीरिया के ग्रामीण लोगों के लिए एक चुंबक का काम करता रहा.

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें