दबंग
दबंग (अंग्रेज़ी: Dabangg) २०१० में ब���ी हिन्दी फ़िल्म है जिसका निर्देशन अभिनव कश्यप ने व् निर्माण अरबाज़ खान ने किया है। फ़िल्म में सलमान खान और सोनाक्षी सिन्हा मुख्य भूमिका में है। यह फ़िल्म सोनाक्षी सिन्हा का अभिनय क्षेत्र में पदार्पण करवाती है। दबंग को ईद के दिन १० सितम्बर २०१० को १६०० पद्रों पर रिलीज़ किया गया था।
दबंग | |
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फ़िल्म का पोस्टर | |
निर्देशक | अभिनव कश्यप |
लेखक |
दिलीप शुक्ला अभिनव सिंह कश्यप |
निर्माता |
अरबाज़ खान मलाइका अरोरा खान धिल्लिन मेहता |
अभिनेता |
सलमान खान अरबाज़ खान सोनाक्षी सिन्हा सोनू सूद विनोद खन्ना डिम्पल कपाडिया अनुपम खेर |
छायाकार | महेश लिमये |
संपादक | प्रणव वि. धीवर |
संगीतकार |
साजिद-वाजिद ललित पंडित |
वितरक |
श्री अष्टविनायक सिने विज़न अरबाज़ खान प्रोडक्शंस |
प्रदर्शन तिथियाँ |
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लम्बाई |
125 मिनट[1] |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
लागत | ₹30 करोड़ (US$4.38 मिलियन)[2] |
कुल कारोबार | ₹213 करोड़ (US$31.1 मिलियन)[3] |
फ़िल्म ने रिलीज़ के बाद कई रिकोर्ड तोड़े और इसे कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया जिनमे सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म के लिए फ़िल्मफेयर और राष्ट्रिय दिलम पुरस्कार शामिल है।
कथानाक
संपादित करेंचुलबुल पांडे, एक छोटा बच्चा, अपने सौतेले भाई मखंचंद "मक्खी" पांडे, सौतेले पिता प्रजापति पांडे (विनोद खन्ना) और माँ नैना देवी (डिम्पल कपाडिया) के साथ उत्तर प्रदेश के लालगंज में रहता है। उसके सौतेले पिता हमेशा मक्खी की बाजु लेते है जिसके करण चुलबुल हमेशा गुस्सा रहता है।
२१ साल बाद, एक गुंडों की टोली बैंक लुट कर पैसे गिन रही होती है जब चुलबुल पांडे (सलमान खान), जो अब एक पुलिस वाला है, गुंडों को मार कर पैसे बचा लेता है पर आखिर में सरे पैसे अपने पास ही रख लेता है। चुलबुल (जो अक्सर खुद को रोबिन हूड पांडे कहता है) अभी भी अपने परिवार के साथ रहता है जो उसे खास पसंद नहीं करते।
मक्खी (अरबाज़ खान) गांव की लड़की निर्मला (माही गील) से प्यार करता है जिसके पिता मास्टर जी (टीनू आनंद) उनके इस रिश्ते के खिलाफ़ है। दूसरी तरफ चुलबुल रजो (सोनाक्षी सिन्हा) से प्यार करने लगता है जिसे उसने एक पुलिस इनकाउंटर के दौरान देखा था।
छेदी सिंह (सोनू सूद) (जो छात्र परिषद का अध्यक्ष है और एक बदमाश भी) चुलबुल से मिलकर उसे बताता है की जिन आदमियों को उसने पिता था और जिसने पैसे उसने ले लिए है वह उसकी पार्टी के लोग थे और वह पैसा पार्टी फंड का पैसा है। पर वह चुलबुल को माफ़ करने का प्रस्ताव रखता है यदि चुलबुल उसके लिए काम करे। चुलबुल उसका प्रस्ताव ठुकरा देता है।
मक्खी अपने पिता से ��िर्मला के साथ शादी करने की बात करता है पर उसके पिता उसे यह कहकर की उन्हें पैसों की ज़रूरत है ताकि वह कर्ज़ा चूका सके और, उसका प्रस्ताव ठुकरा देते है और उसे किसी अमीर लड़की के साथ शादी करने को कहते है। मक्खी पैसों के लिए बेताब होकर चुलबुल की अलमारी से पैसे चुरा लेता है पर उसकी माँ उसे रंगे हाथ पकड़ लेती है। वह माँ को समझाता है की वह यह पैसे निर्मला के पिता ��ो देगा जो दहेज के रूप में वापस उन्हें लौटा देंगे। माँ के मना करने के बावजूद वह पैसे निर्मला के पिता को डे देता है।
दूसरी ओर चुलबुल रजो से मिलकर उसके सामने शादी का प्रस्ताव रखता है पर वह उसे यहाँ कह कार मना कर देती है की उसे अपने पिता हरिया (महेश मांजरेकर) का ध्यान रखना है जो हमेशा नशे में रहते है। चुलबुल को बाद में अपने घर पर माँ मरी हुई मिलती है। वह अपने सौतेले पिता के पास सुलह करने जाता है परन्तु उसके पिता उसे यह कहा देते है की चुलबुल अब उनके परिवार का हिस्सा नहीं है।
चुलबुल बाज़ार में मक्खी को नए कपडे खरीदते हुए देखता है। उसे इस बात का कोई शक नहीं होता की मक्खी ने पैसे चुराए है। मक्खी उसे बताता है की वह निर्मला से शादी करने वाला है और चुलबुल को आने का निमंत्रण देता है। चुलबुल रजो के पिता हरिया को रजो का हाथ देने के लिए मनाता है और शराब छोड़ने के लिए कहता है। हरिया मान जाता है पर उसे यह समझ जाता है की उसकी बेटी किसी से शादी नहीं करेगी जबतक वह ज़िंदा है और वह चुलबुल के जाने के बाद आत्महत्या कर लेता है। चुलबुल रजो को लेकर मक्खी की शादी में पहुँचता है और उसे पता चल जाता है की मक्खी ने उसके पैसे चुरा कर शादी का खर्चा उठाया है। वह रजो के साथ उसी मंडप में शादी कर लेता है। निर्मला के पिता शर्मिंदा को कर शादी तोड़ देते है।
मक्खी फैक्टरी के एक मजदुर को छोटे से हादसे की वजह से पिट देता है। मजदुर पुलिस स्टेशन जा कर मक्खी के खिलाफ़ गुन्हा दर्ज करने जाता है पर चुलबुल इसकी जगह मक्खी को सबके सामने पिटता है जिससे मक्खी की बदनामी हो जाती है। छेदी सिंह इस बात का फायदा उठा कर चुलबुल को सस्पेंड करवाने की कोशिश करता ही और मक्खी और उसके पिता को लेकर पुलिस थाने पहुँच जाता है। पर मक्खी के पिता चुलबुल के माफ़ी मांगने पर बात को रफादफा कर देते है। चुलबुल दयाल बाबु (अनुपम खेर), जो लोक मंच के अध्यक्ष है, से मिलता है जो स्वयं शेडी सिंह से नफरत करते है। फोनों मिलकर फैसला करते है की चेदी सिंह को काबू में रखेंगे। चुलबुल छेदी सिंह के शराब के ठेकों की शराब में मिलावट करवा देता है जिसकी वजह से कई लोग बीमार पड़ जाते है और सारा नाम छेदी सिंह पर आ जाता है।
चुलबुल से इस बात का बदला लेने के लिए छेदी मक्खी की फैक्टरी जला देता अहि जिसके चलते मक्खी के पिता को दिल का दौरा पड़ जाता है और उन्हें अस्पताल में भारती कर देते है। इस बात से अनजान की छेदी ने ही उनकी फैक्टरी जलाई है, मक्खी पिता के इलाज के पैसों के लिए छेदी सिंह का काम करने को राज़ी हो जाता है। छेदी सिंह उसे एक आमों बक्सा दयाल बाबु को देकर आने को कहता है। पर मक्खी के जाने के बाद बक्से में धमाका हो जाता है जिसमे दयाल बाबु मरे जाते है। छेदी सिंह मक्खी को चुलबुल को मरने का काम देता है। पर मक्खी चुलबुल को मार नहीं पाता और उसके पास जाकर बता देता है की छेदी सिंह ने ही बक्से में बम रखा था। चुलबुल उसे माफ कर देता है और अपने पिता से सुलह कर लेता है।
मक्खी छेदी को मिलता अहि जिसे लगता है की मक्खी ने चुलबुल को मर दिया है और वह उसे बताता है की उसने ही मक्खी की माँ को मारा था। छेदी सिंह को पता चलता है की चुलबुल उसे पकड़ने पुरे पुलिस फ़ौज के साथ आ रहा है। तब मक्खी छेदी को बताता है की उसने चुलबुल को नहीं मारा। आखरी लड़ाई में चुलबुल गुंडों को मार कर मक्खी को बचा लेता है और अंत में यह जान कर की छेदी ने ही उनकी माँ की हत्या की थी, उसे मार देता है।
अंत में चुलबुल मक्खी की शादी निर्मला से करवा देता है और रजो उसे बताती है वह अब माँ बनाने वाली है।
पात्र
संपादित करें- सलमान खान - चुलबुल पांडे
- सोनाक्षी सिन्हा - रजो
- अरबाज़ खान - मखंचंद "मक्खी" पांडे
- विनोद खन्ना - प्रजापति पांडे
- डिम्पल कपाडिया - नैनी देवी
- सोनू सूद - छेदी सिंह
- महेश मांजरेकर - हरिया
- ओम पुरी - कस्तूरीलाल विश्कर्मा
- अनुपम खेर - दयाल बाबु
- माहि गिल - निर्मला
- टीनू आनंद - मास्टरजी
- मुरली शर्मा - एसीपी मलिक
संगीत
संपादित करेंक्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "तेरे मस्त मस्त दो नैन" | फैज़ अनवर | राहत फ़तेह अली खान | 5:59 |
2. | "मुन्नी बदनाम हुई" | ललित पंडित | ममता शर्मा, ऐश्वर्या निगम | 5:07 |
3. | "चोरी किया रे जिया" | जलीस शेरवानी | सोनू निगम, श्रेया घोषाल | 4:48 |
4. | "उड़ उड़ दबंग" | जलीस शेरवानी | सुखविंदर सिंह, वाजिद | 4:13 |
5. | "हमका पीनी है" | जलीस शेरवानी | वाजिद, मास्टर सलीम, शबाब सबरी | 5:15 |
6. | "तेरे मस्त मस्त दो नैन" (भाग 2) | फैज़ अनवर | रहत फ़तेह अली खान, श्रेया घोषाल | 5:59 |
7. | "मुन्नी बदनाम हुई" (रीमिक्स) | ललित पंडित | ममता शर्मा, ऐश्वर्या निगम | 4:05 |
8. | "तेरे मस्त मस्त दो नैन" (रीमिक्स) | फैज़ अनवर | रहत फ़तेह अली खान | 5:02 |
9. | "हमका पीनी है" (रीमिक्स) | जलीस शेरवानी | वाजिद, मास्टर सलीम, शबाब सबरी | 4:27 |
10. | "दबंग" (थीम) | सलमान खान | 2:48 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ ""Lots of people are declaring Dabangg as huge hit already" - Arbaaz Khan". Bollywood Hungama. मूल से 13 नवंबर 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 नवम्बर 2010.
- ↑ "Dabangg already a hit, say exhibitors". Business Standard. अभिगमन तिथि 4 दिसम्बर 2011.
- ↑ "ZNMD Amongst All Time Top Ten Worldwide Grossers". Box office India. 17 अगस्त 2011. मूल से 12 जुलाई 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-08-19.